Electric Vehicle Subsidy Scheme सरकार दे रही है इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर बहुत बड़ी छूट
आजकल बढ़ते प्रदूषण और महंगे पेट्रोल डीजल के कारण लोग इलेक्ट्रॉनिक वाहनों की और ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं | सरकार भी EV को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं बनाए रही है | इनमें से एक बहुत महत्वपूर्ण योजना है Electric Vehicle Subsidy Scheme इस योजना के तहत सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर सब्सिडी देती है जिससे यह आम लोगों के लिए सस्ती हो जाए |
इस लेख में हम जानेंगे कि यह योजना क्या है इसे कैसे अपनाया जा सकता है और इसके माध्यम से आप अपने पर्यावरण और पैसे दोनों को दोनों की देखभाल कर सकते हैं |
Electric Vehicle Subsidy Scheme क्या है?
Electric Vehicle Subsidy Scheme एक खास योजना है जो भारत सरकार ने बनाई है। इसका motive इलेक्ट्रिक वाहनों को लोगों के लिए सस्ता बनाना है। इस योजना के तहत, सरकार अलग-अलग इलेक्ट्रिक वाहनों पर पैसे की मदद देती है, जिससे उनकी कीमत कम हो जाती है।
इस योजना को FAME इंडिया योजना के नाम से जाना जाता है, जिसका मतलब है Hybrid and Electric वाहनों को तेजी से अपनाना और बनाना। यह योजना दो हिस्सों में शुरू हुई:
FAME-I: यह 2015 में शुरू हुई।
FAME-II: इसे 2019 में और बढ़ाया गया।
नीचे FAME-I (Faster Adoption and Manufacturing of Hybrid and Electric Vehicles) Electric Vehicle Subsidy Scheme से संबंधित जानकारी दिई है |
Aspect | Details |
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Launch Date | अप्रैल 2015 |
Objective | हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक गाड़ियों को Encouraging करना। |
Duration | 2 साल (बाद में इसे बढ़ाया गया)। |
Budget Allocation | ₹795 करोड़ (for the initial phase)। |
Focus Areas | Focused on four key areas: 1. प्रौद्योगिकी विकास (Technology Development)। 2. मांग निर्माण (Demand Creation)। 3. चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर (Charging Infrastructure)। 4. पायलट प्रोजेक्ट (Pilot Projects)। |
Target | 6-7 मिलियन हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों की Deployment। |
Beneficiaries | ग्राहक, गाड़ी बनाने वाले, और शोध केंद्र। |
Outcomes | 1. इलेक्ट्रिक स्कूटर, थ्री-व्हीलर्स और बसों की जरूरत बढ़ रही है। 2. इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन का infrastructure अब और भी बेहतर हो गया है। |
FAME-II (Faster Adoption and Manufacturing of Hybrid and Electric Vehicles) Electric Vehicle Subsidy Scheme से संबंधित जानकारी दिई है |
Aspect | Details |
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Launch Date | अप्रैल 2019 |
Objective | इलेक्ट्रिक गाड़ियों का इस्तेमाल बढ़ाना और उन्हें जल्दी-जल्दी बनाना। |
Duration | 3 साल (2022 तक, लेकिन इसे आगे बढ़ाया गया)। |
Budget Allocation | ₹10,000 करोड़। |
Focus Areas | Focused on four key areas: – शहर में चलने वाली इलेक्ट्रिक बसें। – लोगों के लिए ई-स्कूटर और ई-रिक्शा। – चार्जिंग के लिए नई जगहें बनाना। – शहरों के बीच और अंदर बेहतर कनेक्शन। |
Subsidy | बैटरी क्षमता (₹10,000 प्रति kWh) के आधार पर। |
Beneficiaries | ग्राहक, गाड़ी बनाने वाले, और शोध केंद्र। |
Key Achievements | लगभग 7,000 इलेक्ट्रिक बसों को मंजूरी। 5 लाख ई-रिक्शा और टू-व्हीलर के लिए सब्सिडी| 2,600 से ज्यादा चार्जिंग स्टेशनों को भी मंजूरी दी गई है। |
सरकार कितनी सब्सिडी दे रही है?
सरकार की मदद का आकार वाहन के प्रकार और उसकी बैटरी की ताकत पर depend करता है।
इलेक्ट्रिक स्कूटर और बाइक
- मदद: बैटरी की शक्ति ₹15,000 प्रति किलोवाट घंटा (kWh) है।
- अधिकतम मदद: ₹50,000 तक।
इलेक्ट्रिक कारें
- मदद: ₹10,000 प्रति किलोवाट घंटा।
- कुछ कारों पर ₹1.5 लाख तक की छूट।
इलेक्ट्रिक बसें
- मदद: ₹20 लाख तक।
इलेक्ट्रिक ऑटो और रिक्शा
- बैटरी की ताकत के अनुसार छूट।
राज्य सरकारों द्वारा दी जाने वाली Additional assistance
केंद्र सरकार और कई राज्य सरकारें मिलकर इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग सब्सिडी की योजनाएं बना रही हैं।
सरकार ने अलग-अलग प्रकार के गाड़ियों के लिए सब्सिडी की amount तय की है।
वाहन का प्रकार | Subsidy की amount |
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Electric Scooter ( 2- wheeler ) | ₹15,000 प्रति kWh |
Electric Car | ₹10,000 प्रति kWh |
Electric Bus | ₹20 लाख तक</td |
Electric Rikshaw (Auto/Rikshaw) | ₹50,000 तक |
दिल्ली:
इलेक्ट्रिक कारों पर ₹1.5 लाख तक की छूट मिलेगी।
रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन शुल्क नहीं देना होगा।
महाराष्ट्र:
पहले 1 लाख खरीदारों के लिए खास सहायता।
टू-व्हीलर पर ₹25,000 तक की छूट।
गुजरात:
₹10,000 प्रति kWh तक की सहायता।
अधिकतम ₹1.5 लाख की छूट मिलेगी।
तमिलनाडु:
रजिस्ट्रेशन शुल्क और रोड टैक्स नहीं देना होगा।
इलेक्ट्रिक गाड़ी खरीदने के लाभ |
लंबे समय में पैसे की बचत – पेट्रोल और डीजल की तुलना में चार्ज करना सस्ता होता है।
– इनकी देखभाल का खर्च भी कम होता है।
पर्यावरण की रक्षा – इलेक्ट्रिक गाड़ियाँ हवा को साफ रखती हैं।
– ये ग्रीनहाउस गैसों को कम करती हैं।
सरकारी टैक्स में छूट – इलेक्ट्रिक गाड़ी खरीदने पर इनकम टैक्स में राहत मिलती है।
– धारा 80EEB के तहत ₹1.5 लाख तक के ब्याज पर छूट मिलती है।
आधुनिक तकनीक – इलेक्ट्रिक गाड़ियाँ स्मार्ट फीचर्स से भरी होती हैं।
– ये चुपचाप चलती हैं, जिससे शोर नहीं होता।
लो मेंटेनेंस – इलेक्ट्रिक गाड़ियों में पारंपरिक गाड़ियों की तुलना में कम हिस्से होते हैं, इसलिए इनकी देखभाल करना आसान और सस्ता होता है।
अच्छा रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट – इनकी बैटरी की उम्र और चार्जिंग की सुविधाओं में हो रहे बदलाव से ये आने वाले समय में एक सस्ता और अच्छा विकल्प बन सकते हैं।
इलेक्ट्रिक गाड़ियों की मुश्किलें।
चार्जिंग स्टेशन की कमी: देश में चार्जिंग स्टेशन बहुत कम हैं।
बैटरी की कीमत: बैटरी बदलने का खर्च अभी भी काफी ज्यादा है।
चार्जिंग में समय: पेट्रोल-डीजल वाहनों की तुलना में चार्जिंग में ज्यादा समय लगता है।
भविष्य में इलेक्ट्रिक वाहनों की भूमिका : भारत सरकार ने 2030 तक 30% इलेक्ट्रिक वाहनों का लक्ष्य रखा है। इसके लिए चार्जिंग सुविधाओं में सुधार किया जा रहा है।
कौन-कौन उठा सकता है Electric Vehicle Subsidy Scheme का लाभ?
Electric Vehicle Subsidy Scheme का फायदा उन सभी लोगों को मिलता है, जो सरकार के नियमों और rules and conditions करते हैं। आइए जानते हैं कि कौन-कौन इसका फायदा उठा सकता है:
Individual buyers
कोई भी भारतीय नागरिक, जो इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने की सोच रहा है, इस योजना से सब्सिडी का फायदा ले सकता है। यह लाभ उन लोगों के लिए है, जो पहली बार इलेक्ट्रिक वाहन खरीद रहे हैं। खरीदार को अपने नाम पर वाहन का register कराना होगा।
Taxi Operators and Fleet Owners
कैब सर्विस कंपनियां, जैसे ओला और उबर, या गाड़ी के मालिक, जो electric car चलाना चाहते हैं, इस योजना का फायदा उठा सकते हैं। यह योजना खासतौर पर सार्वजनिक परिवहन को पर्यावरण के लिए अच्छा बनाने के लिए बनाई गई है।
Businesses
व्यवसायिक कंपनियां, जैसे कि logistic companys, अपने सामान पहुँचाने और ले जाने के लिए electric cars का इस्तेमाल कर सकती हैं। इससे उन लोगों को भी फायदा होता है, जो large scale पर इलेक्ट्रिक गाड़ियों को अपनाना चाहते हैं।
Vehicles recognized by state and central government
केवल वही इलेक्ट्रिक वाहन subsidy के लिए योग्य हैं, जो सरकार ने प्रमाणित किए हैं और FAME-II योजना में शामिल हैं। जो वाहन आप खरीदते हैं, वह “Made In India” होना चाहिए।
Special schemes of state governments
हर राज्य में लोग कुछ खास फायदों का लाभ उठा सकते हैं।
उदाहरण:
दिल्ली के लोग: सड़क Tax and registration fees में offer।
महाराष्ट्र के लोग: नए खरीदारों के लिए और भी discount।
Electric Vehicle Subsidy Scheme की क्या है आवश्यक शर्तें?
खरीदार को एक सही आधार कार्ड और पैन कार्ड रखना जरूरी है।
वाहन का रजिस्ट्रेशन RTO में कराना आवश्यक है।
सब्सिडी केवल पहले बार खरीदे गए इलेक्ट्रिक वाहन पर मिलेगी।
बैटरी और चार्जिंग की क्षमता सरकारी नियमों के अनुसार होनी चाहिए।
अगर आप इलेक्ट्रिक गाड़ी खरीदने का सोच रहे हैं और Electric Vehicle Subsidy Scheme की मदद लेना चाहते हैं, तो और जानकारी के लिए यहां क्लिक करें |